Friday, October 17, 2014

चन्दु की भारतीय इतिहास यात्रा-4 Chandu Journey of Indian History Part 4

चन्दू की भारतीय इतिहास यात्रा भाग 3 से आगे 
चन्दू बोला नहीं चिंकी तुम भुल गयी इतिहास की मैडम ने बताया तो था कि पिकलीहल में शंख के बने घर पाये गये हैं
चन्दु से यात्रा वृतान्त सुनकर चिंकी की भी इच्छा होने लगी कि वो भी भारतीय इतिहास के ताम्र पाषाण काल की यात्रा करके आये। उसने चन्दू से उसकी टाईम मशीन एक दिन के लिए उधार मांग ली। चन्दू ने सहर्ष उसे देते हुए कहा देखो चिंकी उस काल के लोग यदपि मानव शिकार नहीं करते थे फिर भी तुम्हें अनजान देख कर तुम पर हमला कर सकते हैं। इसलिए इस मशीन में एक अदृश्य बटन भी है तुम उसी का इस्तेमाल करके यात्रा करना जिससे तुम उन्हे देख सकोगी पर वे तुम्हे नहीं देख सकेगें। 

चिंकी बहुत खुश हुयी उसने चन्दू से घडी लेकर अपनी कलाई पर बांध ली तथा मशीन में 2100ई.पू. का समय भर दिया तो स्क्रीन पर अनेक ओप्शन फलैश होने लगे। 
चिंकी स्क्रोल करके इन ओप्शन को पढने लगी । 
मशीन में लिखा था आपने जो समय भरा है वो जोर्वे संस्कृति या ताम्र पाषाण काल का समय है इसके इतने स्थल यात्रा के लिए उपलब्ध है आप जोर्वे संस्कृति के कौनसे स्थल की यात्रा करना चाहेगें 
 जोर्व (महाराष्ट्र) नेवासा (महाराष्ट्र) दैमाबाद (महाराष्ट्र) इनामगांव (महाराष्ट्र) सोनगांव (महाराष्ट्र) चन्दोली (महाराष्ट्र) नबदाटोली (महाराष्ट्र) अहार (ताम्बवती भी कहते हैं) 
 इतने ओप्शन देखकर चिंकी ने अपने दिमाग पर जोर लगाया तो उसे याद आया कि इतिहास की मैडम कहती थी कि जोर्वे संस्कृति के स्थलो में सबसे बडा दैमाबाद है तो उसने दैमाबाद ओप्शन का चयन कर लिया तथा साथ ही अदृश्य होने का बटन भी दबा दिया। 
क्रमश......

चन्दु की भारतीय इतिहास यात्रा भाग 5 Chandu Journey of Indian History Part 5

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