Thursday, September 25, 2014

चन्दू की भारतीय इतिहास यात्रा भाग 3 Chandu Journey of Indian History Part 3

चन्दू समझ गया कि वो मध्य पाषाणकाल में आ गया है। उसने अपनी घड़ी में बटन दबाया तो वो एक स्थान पर था जहां भी प्राचीन लोग अपने पालतु पशुओं के साथ दिखे चन्दू ने अपनी टाईम मशाीन में इस स्थान का नाम देखा तो लिखा था सराय नाहर। 
चन्दू बेहद रोमांचित था क्यों कि इस टाईम मशीन से तो उसे इतिहास जैसा बोर लगने वाला विषय अपने आप याद होता जा रहा था उसे सराय नाहर पढते ही याद आ गया कि सराय नाहर तथा महदहा जगह जो यूपी के प्रतापगढ जिले में है से मध्य पाषाण काल के मानवों का पहला शारिरीक अस्थिपंजर मिला था।
 अगली बार नेक्सट बटन दबाने पर चन्दू कोल्डिहवा नामक स्थान पर आ गया वहां के लोग चावल खा रहे थे पहली बार चन्दू ने अपनी इतिहास यात्रा में ऐसा स्थल देखा जहां चावल का प्रयोग हो रहा था। अब लोग हिसंक नहीं थे इसलिये चन्दू भी उनमें घुलमिल कर चावल खाने लगा। उबले हुये फिके चावल चन्दू को अच्छे तो नहीं लगे पर यह अवश्य याद हो गया कि इलाहाबाद के पास कोल्डिहवा स्थल से चावल के प्राचीनतम साक्ष्य किस प्रकार मिले होगें। 

 चन्दू पेदल ही चल रहा था उसने अपनी टाईम मशीन की स्क्रीन पर इस काल के अन्य स्थलों को देखा तो बुर्जहोम गुफकराल चिरांद पिकलीहल तथा मेहरगढ लिखे थे। 

चन्दू ने एक एक करके इन स्थानों की यात्रा कि तो देखा कि बुर्जहोम में गडडे जैसे घर थे लोग खेती भी कर रहे थे प्रत्येक घर में कुता पाला हुआ था परन्तु यह क्या चन्दू एक कुते के चीखने की आवाजें सुन कर पसीज गया उसने पता किया तो उसका दिल जैसे बेठने लगा लोगों ने बताया कि यहां बुर्जहोम में मालिक के मर जाने पर कुते को भी साथ ही दफनाया जा रहा है। 
चन्दू का मन बुर्जहोम से भर गया उसने नेक्सट स्थल का बटन दबा दिया तथा चिरांद में आ गया। चिरांद के लागों के पास हिरण की हडिडयों के बने बहुत से उपकरण थे। 
चन्दू वापस अपने काल में आ गया अगले दिन वो स्कूल गया तो उसने अपने साथियों को अपनी ईतिहास यात्रा के बारे में बताया उसकी सहपाठी चिंकी को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ ।
 चिंकी बहुत तेज दिमाग की लड़की थी उसे आपने मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में देखा होगा। चिकीं ने चन्दू की परीक्षा लेने की ठान ली ताकि पता चले कि वो सचमुच किसी ईतिहास यात्रा से जाकर आया है या नहीं ।
 लंच टाईम में चिंकी ने चन्दू को पूछा “चन्दू तुम पिकलीहल भी गये थे क्या?” 
चन्दू बोला “ओफ कोर्स” 
चिंकी बोली “तो वहां के घर भी गडडे में बने हुये थे क्या?” 
चन्दू ने कहां “नहीं चिंकी वहां तो मैने शंख के बने हुये घर देखे।” 
चिंकी बोली “तुं मुझे मामू तो नही बना रहा” 

क्रमश......अगला भाग Chandu journey of Indian History part 4 पढें।

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